गोबर की इस खाद से बंजर जमीन भी उगलेगी सोना।

गाय और भैंस का गोबर भारतीय कृषि में अहम भूमिका निभाता है।

गाय और भैंस के गोबर को जैविक खाद के रूप में बदलने की प्रक्रिया को कंपोस्टिंग कहा जाता है.

गोबर से जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया में 40 से 60 दिन का समय लगता है।

गोबर की खाद

इस समय अवधि में थोड़ा बदलाव भी आ सकता है क्योंकि यह प्रक्रिया गर्मियों में तेजी से और सर्दियों में थोड़ा समय लगाकर होती है।

कैसे बनेगी खाद

सबसे पहले कॉपर में हवा का संचार करने के लिए इस सूखे स्थान पर फैलाकर सड़ने के लिए छोड़ दिया जाता है।

गोबर की खाद

तीन से चार सप्ताह के बाद गोबर में सूक्ष्म जीव सक्रिय होने लगते हैं और धीरे-धीरे जैविक खाद के रूप में बदलने लगते हैं।

आर्गेनिक खाद

5 से 7 सप्ताह के बाद गोबर पूरी तरह खाद के रूप में बदल जाता है और खेतों में उपयोग करने के लिए तैयार होता है.

दुर्गंध रहित

खाद के रूप में तैयार होने के बाद गोबर में कोई दुर्गंध नहीं आती और यह हल्के भूरे रंग का हो जाता है।

गोबर की आर्गेनिक खाद

गोबर की इस खाद का उपयोग खेत में बुवाई के समय किया जाता है और इसे समान रूप से मिट्टी में फैला दिया जाता है।

गोबर की खाद को उचित मात्रा में उर्वरक के साथ सीधा पौधों की जड़ों में डाला जा सकता है।

गोबर की खाद का इस्तेमाल करते समय उचित मात्रा डाले ताकि पौधों की जड़ों को नुकसान ना हो।