जगदीप धनखड़ की मौजूदगी ने बनाया शपथग्रहण खास, सीपी राधाकृष्णन बने भारत के 15वें उपराष्ट्रपति

Hindi News Line (नई दिल्ली) कई दिनों की चर्चा और जोड़-तोड़ के बाद आखिरकार उपराष्ट्रपति पद की तस्वीर साफ हो गई। 9 सितंबर को आए नतीजों ने यह साफ कर दिया कि भारत का 15वां उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन होंगे। उन्होंने विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को हराकर बड़ी जीत दर्ज की।
इसके बाद आज 12 सितंबर को शपथग्रहण समारोह आयोजित हुआ, जिसमें राधाकृष्णन ने औपचारिक रूप से उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई वरिष्ठ मंत्री और सांसद मौजूद रहे। समारोह की एक खास बात यह भी रही कि भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी कार्यक्रम में मौजूद रहे। पूरा माहौल राजनीतिक उत्साह और गरिमा से भरा हुआ था।
152 वोटों के अंतर से जीत दर्ज
बीते मंगलवार को मतदान संपन्न हुआ था। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने पूरी ताकत झोंकी। लेकिन नतीजों में साफ दिखा कि संख्याबल और रणनीति के लिहाज से NDA का पलड़ा भारी रहा।
चुनाव अधिकारी पीसी मोदी के मुताबिक, सीपी राधाकृष्णन को कुल 452 प्रथम वरीयता के वोट मिले, जबकि विपक्षी उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को सिर्फ 300 वोट मिल पाए। इस तरह राधाकृष्णन ने 152 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की।
विपक्ष के दावे और सवाल
वोटिंग खत्म होने के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि विपक्ष पूरी तरह एकजुट रहा और उसके सभी 315 सांसदों ने मतदान में हिस्सा लिया। सवाल यह उठा कि फिर 15 वोट कहां गायब हो गए?
असल में, चुनाव प्रक्रिया में 15 वोट अमान्य पाए गए। निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि अमान्य वोट अक्सर तब होते हैं जब सांसद तय पेन की जगह किसी और पेन से वोट डाल देते हैं। यह कोई पहली बार नहीं हुआ है। 2017 में भी 11 वोट अमान्य हुए थे और 2022 में ठीक इतने ही यानी 15 वोट रद्द कर दिए गए थे।
क्यों अहम है यह जीत?
सीपी राधाकृष्णन का उपराष्ट्रपति बनना कई मायनों में खास है। एक ओर यह NDA की संसद में मजबूत पकड़ को दर्शाता है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष के भीतर की छोटी-छोटी खामियों और तकनीकी चूक को भी उजागर करता है।
सुदर्शन रेड्डी को महागठबंधन ने अपना चेहरा बनाकर एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की थी, लेकिन नतीजे से यह साफ हो गया कि सत्ता पक्ष का गणित फिलहाल विपक्ष से ज्यादा मजबूत है।