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8वें वेतन आयोग 34000 से सैलरी बढ़कर हो जाएगी इतनी? जानिए डीटेल से कैलकुलेशन

8वें वेतन आयोग की अध्यक्षता न्यायमूर्ति (रिटायर्ड) रंजन देसाई कर रही हैं। आयोग आने वाले महीनों में विभिन्न हितधारकों से बातचीत करेगा और फिर वेतन पुनरीक्षण की सिफारिशें पेश करेगा।

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 8वें वेतन आयोग 34000 से सैलरी बढ़कर हो जाएगी इतनी? जानिए डीटेल से कैलकुलेशन

8th Pay Comission: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के बीच इन दिनों सबसे अधिक चर्चा का विषय बना हुआ है- फिटमेंट फैक्टर। यानी वह गुणांक जिसके आधार पर वेतन और पेंशन में संशोधन किया जाता है। 8वें वेतन आयोग के Terms of Reference (ToR) को केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह मंजूरी दे दी है, जिससे कर्मचारियों की उम्मीदें एक बार फिर बढ़ गई हैं। 8वें वेतन आयोग की अध्यक्षता न्यायमूर्ति (रिटायर्ड) रंजन देसाई कर रही हैं। आयोग आने वाले महीनों में विभिन्न हितधारकों से बातचीत करेगा और फिर वेतन पुनरीक्षण की सिफारिशें पेश करेगा।

कर्मचारी संगठनों की मांगें

केंद्रीय कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था नेशनल काउंसिल- संयुक्त परामर्शदात्री मशीनरी (NC-JCM) का कर्मचारी पक्ष इस प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाएगा। एनडीटीवी प्रॉफिट से बातचीत में एक वरिष्ठ सदस्य ने बताया कि वे चाहते हैं कि 8वां वेतन आयोग कम से कम उतना ही फिटमेंट फैक्टर तय करे जितना 7वें वेतन आयोग ने सुझाया था — यानी 2.57। हालांकि, फिलहाल एनसी-जेसीएम की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। एक सदस्य ने बताया कि फिटमेंट फैक्टर तय करने से पहले महंगाई दर, जीवन यापन सूचकांक और Dr. Aykroyd के सूत्र जैसे कई कारकों पर विचार किया जाता है।

Dr. Aykroyd का सूत्र क्या है?

डॉ. वॉलेस आर. एक्रॉयड 20वीं सदी के एक प्रसिद्ध अमेरिकी पोषण विशेषज्ञ थे। उनके नाम पर बने इस सूत्र में सामान्य उपभोक्ता की जरूरतों के अनुसार वस्तुओं के दामों में बदलाव को ध्यान में रखा जाता है। शिमला स्थित श्रम ब्यूरो समय-समय पर इस सूचकांक की समीक्षा करता है।

रिपोर्ट्स में क्या कहा गया है

एंबिट कैपिटल की एक रिपोर्ट (9 जुलाई) के अनुसार, सरकार 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को 2.46 से अधिक नहीं रखेगी। रिपोर्ट में कहा गया कि गणनाओं के आधार पर इसका दायरा 1.83 से 2.46 के बीच हो सकता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भले ही कुछ अटकलें 2.57 से 2.86 तक के फिटमेंट फैक्टर की हों, लेकिन इसके लागू होने की संभावना कम है।

वहीं, कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट (21 जुलाई) में अनुमान लगाया गया कि फिटमेंट फैक्टर 1.8 तक रह सकता है। यानी कर्मचारियों का मूल वेतन मौजूदा दर से 1.8 गुना (80%) बढ़ सकता है। हालांकि यह ध्यान रखना होगा कि 8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद मौजूदा महंगाई भत्ता (DA) जो फिलहाल 58% है — शून्य (0%) पर रीसेट हो जाएगा, जिससे कुल वेतन वृद्धि का प्रभाव कुछ कम दिखाई देगा।

फिटमेंट फैक्टर के अनुसार वेतन में अनुमानित वृद्धि

एंबिट कैपिटल के अनुसार, 1.83 से 2.46 के फिटमेंट फैक्टर से वेतन में 14% से 34% तक की प्रभावी वृद्धि हो सकती है। कोटक की रिपोर्ट के अनुसार, 1.8 के फिटमेंट फैक्टर से कुल वेतन में करीब 13% की बढ़ोतरी होगी। 7वें वेतन आयोग में 2.57 के फिटमेंट फैक्टर के बावजूद प्रभावी वृद्धि सिर्फ 14.3% रही थी, क्योंकि उस समय 6वें वेतन आयोग की अवधि के अंत में DA 125% तक बढ़ चुका था, जिसे शून्य किया गया था।

7वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन (2016)

- मूल वेतन: ₹18,000

- मकान किराया भत्ता (HRA): ₹4,320

- यात्रा भत्ता (TA): ₹1,350

- महंगाई भत्ता (DA): ₹0

कुल वेतन: ₹23,670

वर्तमान में 58% DA जोड़ने के बाद यह न्यूनतम वेतन लगभग ₹34,110 हो गया है।

8वें वेतन आयोग में संभावित न्यूनतम मूल वेतन

अगर 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर के अनुमानित आंकड़ों पर नजर डालें, तो केंद्रीय कर्मचारियों के न्यूनतम मूल वेतन में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। वर्तमान में 7वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम मूल वेतन ₹18,000 है। यदि नया फिटमेंट फैक्टर 1.8 तय किया जाता है, तो यह बढ़कर ₹32,400 हो जाएगा।

वहीं, 2.0 के फिटमेंट फैक्टर पर मूल वेतन ₹36,000, और 2.46 के फैक्टर पर ₹44,280 तक पहुंच सकता है। अगर सरकार 7वें वेतन आयोग के समान या उससे थोड़ा अधिक 2.57 का फिटमेंट फैक्टर लागू करती है, तो न्यूनतम मूल वेतन ₹46,260 तक बढ़ सकता है। हालांकि, अंतिम निर्णय वेतन आयोग की सिफारिशों और केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद ही स्पष्ट होगा। फिर भी, इन अनुमानित आंकड़ों से यह साफ है कि कर्मचारियों के बेसिक पे में 80% से लेकर 157% तक की बढ़ोतरी संभव है, जो उनके कुल वेतन ढांचे में बड़ा बदलाव ला सकती है।

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