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UP बनेगा नया रेल हब, पांच जिलों में जमीन अधिग्रहण, मालामाल होगें किसान

UP News: तराई क्षेत्र के विकास को नई गति देने के लिए केंद्र सरकार ने एक अहम कदम उठाया है। परियोजना का कार्य शुरू होने से पांच जिलों को होगा सीधा लाभ मिलने वाला हैं। जिससे यात्रियों को देश के प्रमुख महानगरों तक सीधी कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी।
 
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UP बनेगा नया रेल हब, पांच जिलों में जमीन अधिग्रहण, मालामाल होगें किसान 

Uttar Pradesh News: तराई क्षेत्र के विकास को नई गति देने के लिए केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने 240 किलोमीटर लंबी खलीलाबाद-बहराइच नई रेल लाइन की परियोजना को मंजूरी देकर हजारों लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा कर दिया है। इस रेल कॉरिडोर के निर्माण से जहां श्रावस्ती जैसे अंतरराष्ट्रीय महत्व के बौद्ध तीर्थ को रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जा सकेगा, वहीं बहराइच को एक बड़े रेल हब के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे यात्रियों को देश के प्रमुख महानगरों तक सीधी कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी।

परियोजना का कार्य शुरू, पांच जिलों को होगा सीधा लाभ

सरकारी अधिकारियों के अनुसार नई रेल लाइन का भूमि अधिग्रहण पूरा हो चुका है और निर्माण कार्य तेज गति से शुरू किया जा रहा है। यह रेल लाइन संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, बहराइच, श्रावस्ती और बलरामपुर जिलों को सीधे लाभ पहुंचाएगी। अभी तक इन क्षेत्रों में रेल नेटवर्क सीमित था, लेकिन इस परियोजना के पूरा होने पर आवागमन, व्यापार और पर्यटन में बड़ा सुधार आएगा।

श्रावस्ती को पहली बार मिलेगी रेल कनेक्टिविटी

श्रावस्ती जिला, जो बहराइच से वर्ष 1997 में अलग होकर अस्तित्व में आया था, अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सर्किट का एक प्रमुख हिस्सा है। भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़े कई ऐतिहासिक स्थल यहां स्थित हैं, जिसके कारण हर साल हजारों देशी-विदेशी पर्यटक श्रावस्ती पहुंचते हैं। हालांकि, अब तक यहां कोई रेल लाइन नहीं थी, जिसके चलते पर्यटक दिल्ली, मुंबई या अन्य बड़े शहरों से फ्लाइट द्वारा लखनऊ पहुंचते थे और फिर सड़क मार्ग से श्रावस्ती जाना पड़ता था। यह यात्रा समय-साध्य होने के साथ पर्यटकों के लिए असुविधाजनक भी थी। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इस समस्या को लेकर पिछले कई वर्षों से सरकार से रेल लाइन की मांग की थी। लगभग चार वर्ष पूर्व यह प्रस्ताव प्रधानमंत्री और रेल मंत्री तक पहुंचाया गया था, जिसके बाद इस मांग को हरी झंडी दी गई।

बहराइच को मिलेगा बड़ा रेल हब का दर्जा

इस नई लाइन के साथ बहराइच को रेल हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। परियोजना पूरी होने पर विभिन्न महानगरों जैसे दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, लखनऊ और वाराणसी के लिए सीधी या कनेक्टिंग ट्रेनों की उपलब्धता बढ़ेगी। इसके अलावा, श्रावस्ती जाने वाली अधिकांश ट्रेनें बहराइच होकर गुजरेंगी, जिससे तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होने की उम्मीद है। बहराइच रेलवे स्टेशन को भविष्य की मांग को ध्यान में रखते हुए अपग्रेड किया जा रहा है।

स्थानीय लोगों में खुशी, विकास की नई उम्मीद

खलीलाबाद-बहराइच रेल लाइन के निर्माण की आधिकारिक शुरुआत के बाद क्षेत्र में खुशी का माहौल है। लोगों का कहना है कि यह परियोजना न केवल आवागमन को आसान बनाएगी, बल्कि क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों में भी वृद्धि करेगी। व्यापार, कृषि, पर्यटन और रोजगार सभी सेक्टर्स को इससे फायदा मिलने वाला है।

संतकबीरनगर और बहराइच के बीच यात्रा अब काफी कम समय में पूरी हो सकेगी। वहीं, श्रावस्ती के पर्यटन स्थलों तक पहुंचना अधिक सुविधाजनक हो जाएगा। स्थानीय निवासियों का मानना है कि लंबे समय से जिस रेल परियोजना का इंतजार था, वह अब साकार होते दिख रही है।

रेलगाड़ी संचालन से बढ़ेगा पर्यटन और व्यापार

रेल मंत्रालय के अनुसार परियोजना पूरी होने के बाद इस सेक्शन पर कई नई यात्री व एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई जाएंगी। इससे न सिर्फ तीर्थयात्रियों को लाभ होगा बल्कि क्षेत्रीय व्यापार और कृषि उत्पादों के परिवहन में भी तेजी आएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि यह रेल लाइन उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र को नई आर्थिक ऊर्जा देगी। रेल कनेक्टिविटी बढ़ने से छोटे कस्बों को भी बड़ा बाजार मिलेगा और निवेश की संभावनाएं बढ़ेंगी।

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