UP News: फर्रुखाबाद में गंगा एक्सप्रेसवे लिंक रोड के लिए 33 गांवों में जमीन अधिग्रहण की तैयारी, 13 गांवों में बिक्री पर रोक
UP News: उत्तर प्रदेश में गंगा एक्सप्रेसवे के विस्तार को लेकर 13 गांवों में जमीन की खरीद-बिक्री पर अस्थायी रोक लगा दी गई है। यह कदम उस लिंक रोड परियोजना के तहत उठाया गया है, जिसे गंगा एक्सप्रेसवे को फर्रुखाबाद से जोड़ने के लिए बनाया जाना है। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द ही शुरू कर दी जाएगी, ताकि परियोजना समय पर और व्यवस्थित ढंग से पूरी हो सके।

Uttar Pradesh News: गंगा एक्सप्रेसवे को फर्रुखाबाद से जोड़ने के लिए प्रस्तावित लिंक रोड परियोजना पर प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। तहसील क्षेत्र के 13 गांवों की जमीन इस परियोजना के लिए चिन्हित की गई है और जल्द ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है। भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू होने के मद्देनजर इन 13 गांवों में जमीन की खरीद-फरोख्त पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रस्तावित लिंक रोड परियोजना का उद्देश्य फर्रुखाबाद की सीधी कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाना है। अधिग्रहण प्रक्रिया में किसानों को उनकी जमीन का सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा दिया जाएगा, ताकि किसी प्रकार का विवाद न उत्पन्न हो और परियोजना समय पर पूरी हो सके।
रजिस्ट्री के समय इस आदेश का कड़ाई से पालन करें
जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी ने बताया कि धारा (7) के प्रकाशन के बाद तहसील क्षेत्र के 13 गांवों में चयनित भूमि की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। राजस्व विभाग को सख्त हिदायत दी गई है कि वे रजिस्ट्री के समय इस आदेश का कड़ाई से पालन करें। अब इन गांवों में कोई भी व्यक्ति अपनी जमीन बेचने या खरीदने के लिए पहले जिलाधिकारी की अनुमति लेना अनिवार्य होगा। इस संबंध में रजिस्ट्री कार्यालय ने सभी अधिवक्ताओं को आवश्यक निर्देश और जानकारी जारी कर दी है।
इन गांवों में लगी जमीन की बिक्री पर रोक
अधिवक्ताओं ने बताया कि बिना जिलाधिकारी की अनुमति कोई भी बैनामा रजिस्ट्री कार्यालय में पेश नहीं किया जा सकेगा। जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी ने बताया कि कुछ ही दिनों में सदर के 33 गांवों में चयनित भूमि के अधिग्रहण के लिए प्रकाशन किया जाएगा। रामपुर जोगराजपुर, तुर्कहटा, जगतपुर, चित्रकूट, अंबरपुर, बिलालपुर, गांधी, कंचनपुर, शेराखार, नगला घाघ, ऊजरामऊ, नयागांव, गाजीपुर और सबलपुर जमीन की बिक्री पर रोक लगी हैं। इस कदम का उद्देश्य भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को व्यवस्थित करना और विवादों को रोकना है।