राजस्थान में रूफटॉप सोलर वालों की होगी मौज, जेब में आएगा ज्यादा पैसा
Rajasthan Government: राजस्थान सरकार ने सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब राज्य में घरेलू छतों पर लगाए जाने वाले रूफटॉप सोलर प्लांट से उत्पादित बिजली की खरीद दरों में बढ़ोतरी की गई है, जिससे उपभोक्ताओं को अधिक लाभ मिलेगा और नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन को नई गति मिलेगी।
Rajasthan Rooftop Solar Power Purchase: राजस्थान सरकार ने राज्य में सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। अब राज्य में घरों की छतों पर लगाए गए रूफटॉप सोलर प्लांट से बनने वाली बिजली की खरीद दरें बढ़ा दी गई हैं। इस निर्णय से घरेलू उपभोक्ताओं को अतिरिक्त आय का अवसर मिलेगा और राज्य में हरित ऊर्जा उत्पादन को नई रफ्तार मिलेगी।
घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बढ़ा लाभ
अब तक घरेलू उपभोक्ताओं को सोलर ऊर्जा से उत्पादित अतिरिक्त बिजली के लिए ₹2.71 प्रति यूनिट की दर से भुगतान किया जा रहा था। लेकिन नई नीति के तहत इस दर में 55 पैसे की बढ़ोतरी की गई है। यानी अब उपभोक्ताओं को ₹3.26 प्रति यूनिट के हिसाब से भुगतान मिलेगा। इस बढ़ोतरी से सोलर प्लांट लगाने वाले परिवारों को सीधा आर्थिक लाभ मिलेगा।
जोधपुर डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता (एसई) घनश्याम चौहान द्वारा जारी आदेश में बताया गया कि राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग (RERC) ने नेट मीटरिंग और नेट बिलिंग व्यवस्था की दरों में संशोधन को मंजूरी दी है। अब उपभोक्ता यदि अपने रूफटॉप सोलर सिस्टम से बिजली उत्पादित कर राज्य के ग्रिड में भेजता है, तो उसे संशोधित दरों के अनुसार भुगतान किया जाएगा।
नेट बिलिंग उपभोक्ताओं के लिए भी अच्छी खबर
घरेलू उपभोक्ताओं के अलावा बड़े सोलर प्रोजेक्ट संचालकों को भी इस निर्णय से राहत मिलेगी। अब नेट बिलिंग के तहत बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा उत्पादन करने वाले उपभोक्ताओं को ₹3.65 प्रति यूनिट की दर से भुगतान किया जाएगा। इससे पहले यह दर ₹2.76 प्रति यूनिट थी। यानी लगभग 90 पैसे की बढ़ोतरी की गई है, जो इस क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने में मदद करेगी।
राज्य में बढ़ेगा सोलर एनर्जी का विस्तार
राजस्थान पहले से ही भारत में सौर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों में शामिल है। राज्य के कई जिलों में उच्च सौर क्षमता और अनुकूल मौसम सौर ऊर्जा को सबसे सस्ता और टिकाऊ विकल्प बनाते हैं। नई दरों से उम्मीद की जा रही है कि अधिक से अधिक उपभोक्ता अपनी छतों पर सोलर पैनल लगवाने के लिए प्रेरित होंगे। सरकार के इस कदम से न केवल घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को फायदा होगा, बल्कि राज्य की बिजली वितरण कंपनियों को भी अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में स्थायित्व मिलेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बढ़ोतरी से सौर ऊर्जा क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा और निजी डेवलपर्स भी नए प्रोजेक्ट लगाने में रुचि दिखाएंगे।
पर्यावरण संरक्षण में अहम योगदान
रिन्यूएबल एनर्जी को प्रोत्साहित करने का यह कदम राज्य में कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है। सौर ऊर्जा से उत्पादित बिजली से न केवल पारंपरिक कोयला-आधारित बिजली उत्पादन पर निर्भरता घटेगी, बल्कि प्रदूषण में भी कमी आएगी। राज्य के एक ऊर्जा विशेषज्ञ ने बताया कि “सरकार द्वारा बिजली दरों में यह संशोधन छोटे उपभोक्ताओं को सोलर पैनल लगाने के लिए प्रेरित करेगा। आने वाले वर्षों में राजस्थान देश का अग्रणी ‘ग्रीन एनर्जी हब’ बन सकता है।
जनता को होगा सीधा आर्थिक लाभ
नई दरों के लागू होने के बाद अब उपभोक्ताओं को अपने सोलर सिस्टम से बची अतिरिक्त बिजली बेचकर अधिक आमदनी का मौका मिलेगा। औसतन 3 किलोवाट के सोलर सिस्टम से प्रति माह 300 से 400 यूनिट तक बिजली उत्पन्न होती है। ऐसे में अब 55 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं को हर माह ₹150–₹200 तक अतिरिक्त लाभ मिलेगा।
सरकार की सौर नीति को नई दिशा
राजस्थान सरकार का यह कदम राज्य की सौर नीति 2023 के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य अगले कुछ वर्षों में लाखों घरों में सोलर पैनल लगाने को प्रोत्साहन देना है। बढ़ी हुई दरें न केवल घरेलू उपभोक्ताओं के लिए राहत हैं, बल्कि राज्य के लिए हरित ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम भी हैं।
