Rajasthan News: जोधपुर पाली इंडस्ट्रियल एरिया से बदलेगी 9 गांवों तस्वीर, 465 करोड़ होगें खर्च
Delhi-Mumbai Industrial Corridor: राजस्थान के जोधपुर-पाली इंडस्ट्रियल एरिया में अब औद्योगिक ढांचे को विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है। लंबे समय से प्रतीक्षित इस परियोजना की टेंडर प्रक्रिया रीको (RIICO) द्वारा पूरी की जाएगी। परियोजना शुरू होने से आसपास के 9 गांवों की तस्वीर बदलने वाली है।

Industrial Development: राजस्थान के जोधपुर पाली इंडस्ट्रियल एरिया में अब औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जाएगा. काफी सालों से इस प्रोजेक्ट का इंतजार किया जा रहा था. इस प्रोजेक्ट की टेंडर प्रक्रिया रीको की ओर से किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट से 9 गांव की तस्वीर बदलने वाली है. दिल्ली-मुबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, जो पिछले दस वर्षों से कल्पना में था। जोधपुर पाली इंडस्ट्रियल एरिया के पहले फेज में औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए 465 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है। रीको भी टेंडर प्रक्रिया अपना रहा है।
इस मास्टर प्लान को पहली बार राज्य सरकार ने बनाया है और नोटिफाइड गांवों में औद्योगिक विकास के लिए 465 करोड़ रुपये का बजट भी जारी किया गया है। इससे आधारभूत औद्योगिक सुविधाओं का विकास हो सकेगा। इससे जोधपुर और पाली सहित पश्चिमी राजस्थान का बड़ा हिस्सा लाभान्वित होगा।
धूल अब कम होने की उम्मीद
पिछले दस साल से अधिक समय से, इस परियोजना केवल कागजों में चल रही है। Rajasthan में DMC के पांच नोड चिह्नित किए गए हैं। पिछले वर्ष केंद्र सरकार ने इसे एक राष्ट्रीय औद्योगिक परियोजना में शामिल किया था। रेलवे डेडिकेटेट फ्रेट कॉरिडोर इस परियोजना को विकसित करता है। ऐसे में लॉजिस्टिक परिवहन काफी महत्वपूर्ण है। DMCI को जोधपुर और पाली के बीच में बसाने की योजना बनाई गई क्योंकि फ्रेट कॉरिडोर में एक नोड मारवाड़ जंक्शन है। रिफाइनरी के साथ-साथ टैक्सटाइल, हैंडीक्राट, पेट्रो केमिकल्स, मोबाइल और सोलर उद्योगों को भी लाभ होगा। इस नोड को धरातल पर उतारने के लिए जमीन की अवाप्ति भी एक और समस्या है। फिलहाल इसमें पाली जिले के रोहट सहित नौ राजस्व गांव शामिल हैं। यह भविष्य में आसपास के क्षेत्रों में भी फैल जाएगा।
टेंडर प्रक्रिया
जोधपुर पाली इंडस्ट्रियल एरिया के पहले फेज में औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए 465 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है। रीको भी टेंडर प्रक्रिया अपना रहा है। इसमें उद्योगों के लिए सड़कें, बिजली-पानी और ड्रेनेज की सुविधाओं का निर्माण शामिल है। इस कार्य को पूरा करने में ढाई वर्ष का समय दिया गया है। इस परियोजना में डूंगरपुर, सिणगारी, धुंधली, दूदाली, निबली पटेलान, निबली ब्राह्मणान, दानासनी, रोहट और दलपतगढ़ शामिल हैं। पहले चरण में कार्य कराया जाएगा। रीको पाली के रीजनल मैनेजर प्रवीण गुप्ता बताते हैं कि पहले चरण को विकसित करने के लिए अभी बजट व टेंडर आया है।
विभिन्न क्षेत्रों का विकास
चीन की तरह, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और औद्योगिक विकास हमें वैश्विक दौड़ में आगे ले जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों का विकास हो सकता है। यह पहली बार है कि सरकार ने अच्छी पहल की है, और इसे धरातल पर उतारने का रोड मैप भी बनाना चाहिए। यह एक महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र है। सरकार को पहले चरण में औद्योगिक संगठनों के साथ बैठकें करनी चाहिए, जिससे वास्तविक निवेश धरातल पर आएगा। कई व्यवसाय बंद होने के कगार पर हैं। ऐसे में सरकार को इसे वास्तव में काम में लाना होगा और उद्योगों के साथ मिलकर सुविधाएं बनानी होंगी। राजस्थान को भी गुजरात की तरह एक बड़ा बजट मिलना चाहिए।