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राजस्थान के 6 जिलों से होकर गुजरेगा नया ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट, 24 गांवों में नहीं बेच सकेंगे जमीन

Beawar-Bharatpur Expressway: ब्यावर–भरतपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे परियोजना राजस्थान के छह जिलों में विकास का नया अध्याय खोलेगी। जयपुर जिले के 24 गांवों में जमीन खरीद-फरोख्त पर रोक प्रशासनिक प्रक्रिया को तेज करने का संकेत है। सर्वे पूरा होने के बाद भूमि अधिग्रहण और निर्माण कार्य प्रारंभ होंगे। आने वाले वर्षों में यह एक्सप्रेसवे राजस्थान के आर्थिक और भौगोलिक परिदृश्य को नई दिशा देगा।

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राजस्थान के छह जिलों से होकर गुजरेगा नया ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट, जयपुर में 24 गांवों में नहीं बेच सकेंगे जमीन 

Beawar-Bharatpur Expressway Update: राजस्थान में सड़क आधारभूत संरचना को सशक्त करने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया जा रहा है। राज्य के मध्य भाग से होकर गुजरने वाला ब्यावर–भरतपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे अब निर्माण की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) इस एक्सप्रेसवे को विकसित कर रहा है, जो कुल 342 किलोमीटर लंबा होगा और राज्य के छह प्रमुख जिलों—अजमेर, टोंक, जयपुर, दौसा, सवाई माधोपुर और भरतपुर—से होकर गुजरेगा। इस परियोजना का उद्देश्य राजस्थान के पश्चिमी हिस्से को पूर्वी भाग से जोड़कर दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेसवे तक बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करना है।

परियोजना की वर्तमान स्थिति

ब्यावर–भरतपुर एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया फिलहाल टोंक और दौसा जिलों में जारी है। अब यह प्रक्रिया जयपुर जिले में भी शुरू की गई है। जयपुर जिले की फागी और माधोराजपुरा तहसीलें इस एक्सप्रेसवे के मार्ग में आती हैं। जिला प्रशासन ने इन क्षेत्रों के 24 गांवों में भूमि खरीद-फरोख्त और रूपांतरण पर रोक लगाई है ताकि भविष्य में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया सुचारु रूप से पूरी हो सके। इस एक्सप्रेसवे के लिए लगभग 400 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण की संभावना है।

जयपुर जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी ने फागी और चाकसू उपखंड अधिकारियों (एसडीएम) तथा संबंधित तहसीलदारों को आदेश जारी करते हुए कहा है कि संबंधित गांवों में किसी भी प्रकार की भूमि बिक्री, खरीद या रूपांतरण की अनुमति नहीं दी जाए। इन निर्देशों का पालन सख्ती से किया जाएगा।

आगे की प्रक्रिया

प्रशासनिक स्तर पर शीघ्र ही भूमि के सर्वे का कार्य शुरू होने वाला है। सर्वे के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में भू-सीमाओं की पहचान, भूमि का वर्गीकरण और प्रभावित किसानों की सूची तैयार की जाएगी। इसके बाद भूमि मूल्यांकन और मुआवजा दरों का निर्धारण होगा। उम्मीद की जा रही है कि अगले चरण में भूमि अधिग्रहण नोटिस जारी कर निर्माण कार्य की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी।

परियोजना का उद्देश्य और लाभ

यह एक्सप्रेसवे राजस्थान की सड़क परिवहन व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखता है। ब्यावर से भरतपुर तक सीधी हाई-स्पीड कनेक्टिविटी से न केवल प्रदेश के औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों को लाभ मिलेगा, बल्कि पर्यटन और लॉजिस्टिक्स सेक्टर को भी नई गति मिलेगी। अजमेर और जयपुर से निकलने वाला यातायात सीधे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जुड़ सकेगा, जिससे यात्रा समय में काफी कमी आएगी।

समानांतर परियोजनाओं की स्थिति

राजस्थान में विभिन्न ग्रीनफील्ड परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें कोटा–जयपुर एक्सप्रेसवे, बाड़मेर–जयपुर ग्रीनफील्ड कॉरिडोर और जोधपुर–बीकानेर सीधा मार्ग शामिल हैं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य राज्य में आधुनिक एक्सप्रेसवे नेटवर्क विकसित कर औद्योगिक गलियारों को मजबूती देना है। ब्यावर–भरतपुर एक्सप्रेसवे इस नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा।
 

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