राजस्थान से पंजाब के बीच जमीन अधिग्रहण करके बिछेगी नई रेल लाइन, घट जाएगा 150 का सफर
Bikaner-Sriganganagar-Amritsar railway line: राजस्थान और पंजाब के बीच अब आने वाले समय में रेलवे कनेक्टिविटी और ज्यादा बेहतर होने वाली है. राजस्थान में एक और नई रेलवे लाइन को लेकर भूमि अधिग्रहण पर करोड रुपए खर्च किए जाएंगे. राजस्थान और पंजाब के बीच डेढ़ सौ किलोमीटर का सफर काम हो जाएगा
Firozpur-Patti rail link: रेल मंत्रालय ने फिरोजपुर–पट्टी रेल लिंक परियोजना को आधिकारिक स्वीकृति दे दी है, जिससे पंजाब और राजस्थान दोनों राज्यों की कनेक्टिविटी में बड़ा सुधार होने जा रहा है। इस परियोजना के पूरा होने के बाद श्रीगंगानगर से अमृतसर का सफर लगभग 150 किलोमीटर कम हो जाएगा। 25.72 किलोमीटर लंबी इस नई लाइन का निर्माण 764.19 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा, जिसमें से 166 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण पर खर्च होंगे।
बीकानेर–श्रीगंगानगर–अमृतसर रेल मार्ग में समय की बचत
रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू की पहल पर बनी इस योजना के तहत फिरोजपुर और अमृतसर के बीच रेल दूरी 196 किलोमीटर से घटकर मात्र 100 किलोमीटर रह जाएगी। वर्तमान में यात्रियों को श्रीगंगानगर से अमृतसर तक लंबे चक्कर काटने पड़ते हैं, जिसके चलते समय और लागत दोनों बढ़ते हैं। नई लाइन बन जाने के बाद बीकानेर–श्रीगंगानगर–अमृतसर रेलमार्ग पर यात्रा समय में भी महत्वपूर्ण कमी आएगी। अधिकारियों का कहना है कि यह लिंक न केवल यात्रियों की सुविधा को बढ़ाएगा बल्कि राज्यों के बीच तेज और सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित करेगा।
क़रीब 10 लाख लोगों को सीधा लाभ, 2.5 लाख रोजगार के नए अवसर
परियोजना के शुरू होने और निर्माण कार्य में तेजी आने से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे। सरकारी अनुमान के मुताबिक, इस रेल लिंक से करीब 10 लाख लोगों को सीधे तौर पर सुविधा मिलेगी, जबकि निर्माण और सहायक गतिविधियों के माध्यम से 2.5 लाख रोजगार उत्पन्न होने की संभावना है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार यह परियोजना न केवल सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण है बल्कि यह व्यापार, रक्षा आपूर्ति और औद्योगिक क्षेत्रों को भी मजबूत आधार प्रदान करेगी। विशेष रूप से बॉर्डर क्षेत्रों में रेलवे लाइनें रणनीतिक तौर पर बेहद उपयोगी मानी जाती हैं, इसलिए यह लिंक रक्षा क्षेत्र के लिए भी अहम साबित होगा।
राजस्थान के लिए बड़ी राहत, तीन जिलों को मिलेगा सीधा फायदा
फिरोजपुर–पट्टी रेल लिंक परियोजना का सबसे अधिक लाभ राजस्थान के उत्तरी जिलों को मिलेगा। खास तौर पर श्रीगंगानगर इस परियोजना के केंद्र में है क्योंकि यह लिंक श्रीगंगानगर को पंजाब के फिरोजपुर, पट्टी, अमृतसर और आसपास के अन्य प्रमुख शहरों से सीधे जोड़ देगा। इसके अलावा बीकानेर और हनुमानगढ़ जिलों को भी नए विकल्प मिलेंगे, जिससे पंजाब की ओर आवागमन और व्यापारिक गतिविधियों में बड़ी बढ़ोतरी होगी।
यह परियोजना श्रीगंगानगर को मुंबई से जोड़ने वाले प्रस्तावित रेल मार्ग का भी महत्वपूर्ण हिस्सा मानी जा रही है। इससे उत्तर भारत से पश्चिम भारत तक माल ढुलाई की गति और क्षमता दोनों मजबूत होंगी।
व्यापार, पर्यटन और औद्योगिक विकास को नई दिशा
नई रेल लाइन शुरू होने के बाद पंजाब और राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में व्यापारिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी। अमृतसर धार्मिक और पर्यटन दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण शहर है, जबकि श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और बीकानेर कृषि उत्पादन के महत्वपूर्ण केंद्र हैं। रेल लिंक के शुरू होने से इन जिलों से फल, सब्जियां, अनाज और औद्योगिक उत्पादों की आवाजाही तेज होगी। साथ ही अमृतसर गोल्डन टेंपल और वैभवशाली विरासत से जुड़े पर्यटन स्थलों तक पहुंचना भी आसान होगा।
मार्ग से रक्षा तैयारियों को भी मजबूती
विशेषज्ञों का मानना है कि यह रेल लिंक बॉर्डर क्षेत्रों तक तेज कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगा, जो रक्षा बलों की लॉजिस्टिक क्षमता को मजबूत करेगा। आपूर्ति श्रृंखला मजबूत होने से सीमा सुरक्षा बलों को बड़ा फायदा होगा।
परियोजना के पूरा होने पर उत्तरी राजस्थान को मिलेगा ऐतिहासिक लाभ
फिरोजपुर–पट्टी रेल लिंक परियोजना के निर्माण के साथ ही राजस्थान के कई जिलों की कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व सुधार होगा। यात्री यात्रा समय बचा पाएंगे, व्यापारिक लागत घटेगी और रोजगार बढ़ेंगे। विशेष रूप से श्रीगंगानगर, बीकानेर और हनुमानगढ़ को इसका दीर्घकालिक लाभ मिलेगा।
