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हरियाणा में सरकारी कर्मचारियों के री-इम्पलॉयमेंट पर नए दिशा-निर्देश जारी, 2 वर्ष की मिली अनुमति

Haryana News: हरियाणा सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति और उसके बाद पुनर्नियोजन (Re-employment) से जुड़े मामलों के समाधान के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके लिए राज्य सरकार ने 18 जून 2025 को एक आदेश जारी कर समिति का पुनर्गठन करने का निर्णय लिया है।

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हरियाणा में सरकारी कर्मचारियों के री-इम्पलॉयमेंट पर नए दिशा-निर्देश जारी, 2 वर्ष की मिली अनुमति

Haryana  Government Employees : हरियाणा में सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति को लेकर सरकार की तरफ से दिशा निर्देश दिए गए हैं.हरियाणा सरकार ने राज्य में फ्री अपॉइंटमेंट से जुड़े मामलों को सुलझाने के लिए एक अहम कदम उठाया है। सरकार ने 18 जून 2025 को जारी दिशा-निर्देशों के तहत एक समिति के पुनर्गठन का फैसला किया है। हरियाणा सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद पुनर्नियोजन (री-इम्पलॉयमेंट) से संबंधित मामलों का समाधान करने के लिए बदले हुए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। हरियाणा सिविल सेवा (सामान्य) अधिनियम, 2016 के नियम-143 के अनुसार, 58 वर्ष की उम्र के बाद अधिकतम दो वर्ष तक पुनर्गठन की अनुमति केवल असाधारण या अपवादात्मक परिस्थितियों में दी जा सकती है।

अधिकतम दो वर्ष तक पुनर्नियोजन की अनुमति

मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने सभी प्रशासकीय सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों और उपायुक्तों को पत्र भेजकर जानकारी दी है कि राज्य सरकार ने 18 जून 2025 को एक समिति का पुनर्गठन किया है। इस समिति का काम सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद पुनर्नियोजन (Re-employment) और फ्री अपॉइंटमेंट से संबंधित मामलों की समीक्षा कर समाधान करना होगा। यह समिति व्यक्तिगत मामलों और श्रेणी या वर्ग के स्तर पर मामलों की समीक्षा करेगी जिनकी सेवाएं संस्था के लक्ष्यों की पूर्ति के लिए आवश्यक हैं। योजनाओं पर विचार करने के लिए समिति हर महीने एक निर्धारित तिथि पर मिलेगी। नए प्रावधानों के अनुसार, हरियाणा सिविल सेवा (सामान्य) अधिनियम, 2016 के नियम-143 के तहत 58 वर्ष की आयु के बाद अधिकतम दो वर्ष तक पुनर्नियोजन की अनुमति दी जा सकती है। हालांकि, यह सुविधा केवल विशेष या अपवादात्मक परिस्थितियों में ही लागू होगी। 

प्रशासनिक विभाग संशोधित प्रक्रिया के तहत यह सुनिश्चित करेंगे कि किन परिस्थितियों में सेवानिवृत्त अधिकारियों या कर्मचारियों की सेवाएं आवश्यक रहती हैं। री-इम्पलॉयमेंट केवल तब विचाराधीन होगा जब यह सेवाओं की प्रभावी आपूर्ति के लिए अपरिहार्य है और कनिष्ठ कर्मचारियों की पदोन्नति की संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डालता है। इसके अलावा, संबंधित अधिकारी के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं होनी चाहिए और उसका अच्छा सेवा रिकॉर्ड होना चाहिए।

नए दिशा-निर्देशों जारी 

हरियाणा सरकार द्वारा जारी नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, राज्य में सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की अधिकतम आयु 63 वर्ष निर्धारित है। हालांकि, अपवादात्मक या विशेष परिस्थितियों में अधिकारी या कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के बाद कम से कम दो वर्ष तक अतिरिक्त सेवा का अवसर मिल सकता है। इस तरह वे अधिकतम 65 वर्ष की आयु तक सेवा जारी रख सकते हैं। मंत्री-प्रभारी की स्वीकृति मिलने पर, प्रशासनिक विभाग को संबंधित मामले मानव संसाधन विभाग (मानव संसाधन-1 शाखा) को भेजने होंगे। इसके बाद समिति अपने सुझावों को संबंधित प्रशासनिक विभाग को सौंपेगी। इसके बाद, वित्त विभाग से सहमति मिलने और मुख्यमंत्री की स्वीकृति मिलने पर संबंधित विभाग पुनर्गठन आदेश जारी करेगा।

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