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NCR News: ग्रेटर नोएडा में बनेगा Delhi-एनसीआर का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन, होंगे 13 प्लेटफार्म

Delhi-NCR News: दिल्ली-एनसीआर में रेलवे ढांचे को मजबूत बनाने की दिशा में बड़ी खबर सामने आई है। भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए रेलवे तेजी से नई कार्ययोजना पर काम कर रहा है। इसी क्रम में न्यू नोएडा और ग्रेटर नोएडा फेज-2 के विकास कार्य भी तेज़ी से चल रहे हैं। नए शहर बसाने के साथ ही वहां आवागमन और कनेक्टिविटी पर विशेष फोकस किया जा रहा है।

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NCR News: ग्रेटर नोएडा में बनेगा Delhi-एनसीआर का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन, होंगे 13 प्लेटफार्म

Bodaki Railway Station : दिल्ली एनसीआर में सबसे बड़े रेलवे स्टेशन को बनाने को लेकर अब बड़ी सूचना आई है. दिल्ली एनसीआर में रेलवे ढांचे को मजबूत तेजी से किया जा रहा है. रेलवे भविष्य की जरूरत को ध्यान में रखकर कार्य प्रणाली तैयार कर रहा है. न्यू नोएडा और ग्रेटर नोएडा फेस 2 बेसन की तैयारी भी अब जोरों शोरों से चल रही है. नई शहर बसाने के बाद वहां आवागमन कनेक्टिविटी का भी खास ध्यान रखा जाएगा.  दिल्ली एनसीआर का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन ग्रेटर नोएडा के बोड़की स्टेशन को बनाने की तैयारी चल रही है.

प्रस्तावित 98 लाइनों और 13 प्लैटफॉर्म की संख्या बढ़ाई जा सकती है

दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन को लेकर बड़ी अपडेट रेलवे विभाग की तरफ से आ रही है. बताते हैं कि आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का दबाव काफी ज्यादा बढ़ चुका है. इसी समस्या को मध्य नजर रखते हुए अब ग्रेटर नोएडा के बुध की रेलवे स्टेशन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित किया जाएगा. ताकि आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का दबाव कम हो सके और आवागमन कनेक्टिविटी आसान बने.डीएमआईसी के अधिकारी ने बताया कि बीते दिनों रेलवे अधिकारियों का एक दल बोड़ाकी को देखने आया था। ग्रेटर नोएडा के बोड़ाकी में दिल्ली-एनसीआर का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन बनाने की तैयारी तेजी से हो रही है। इंजीनियरिंग योजना पर काम शुरू हुआ है। वहीं, आगे की आवश्यकताओं को देखते हुए रेलवे ने अतिरिक्त जमीन की मांग की है। ऐसे में प्रस्तावित 98 लाइनों और 13 प्लैटफॉर्म की संख्या बढ़ाई जा सकती है।

दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर

358 एकड़ का मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच) दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (डीएमआईसी) में बनाया जा रहा है। इसी में बोड़ाकी रेलवे स्टेशन का विस्तार शामिल है। पास में ट्रेन, मेट्रो और बस की सुविधा होगी। भविष्य की जरूरतों को देखते हुए, विभाग के अधिकारी प्रस्तावित 13 प्लैटफॉर्म पर विचार कर रहे हैं। इसके लिए अतिरिक्त जमीन देने का प्रस्ताव प्राधिकरण को प्रस्तुत किया गया है। रेलवे को अभी 137 एकड़ जमीन दी जाती है। रेलवे स्टेशन और यार्ड का क्षेत्रफल अतिरिक्त जमीन मिलने पर बढ़ जाएगा, अधिकारी ने कहा। भविष्य में सुविधाओं को बढ़ाना आसान होगा।

 रेलवे को जल्द ही जमीन मिलेगी जमीन 

परियोजना से प्रभावित खसरा संख्या का सर्वे कार्य प्रशासन ने तेज कर दिया है। प्राधिकरण की कोशिश है कि रेलवे को जल्द ही जमीन दे दी जाए, ताकि परियोजना शुरू हो सके। मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब (Multimodal Transportation Hub) में बस डिपो के लिए 12.5 एकड़, मेट्रो के लिए 5.5 एकड़ और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए 65 एकड़ जमीन आरक्षित की गई है। अधिकारी का कहना है कि MMTC का विकास दो क्षेत्रों में किया जाएगा। जोन-1 में अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी), क्षेत्रीय बस टर्मिनल (एलबीटी) और मेट्रो रेल ट्रांजिस्ट सिस्टम होंगे, जो दोनों व्यावसायिक और व्यक्तिगत उद्देश्यों को पूरा करेंगे।

उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल को मिलेगा फायदा 

रेलवे कोई कमी नहीं छोड़ना चाहता है क्योंकि न्यू नोएडा और ग्रेटर नोएडा फेज-टू को बसाने की तैयारी चल रही है। भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए, अभी से पर्याप्त जमीन की व्यवस्था करना चाहता है, ताकि विस्तार की जरूरत पड़ने पर जमीन की कमी न हो। बाद में आसपास जमीन पाना कठिन होगा। बोड़ाकी में बनाया जा रहा रेलवे स्टेशन 70 से अधिक ट्रेनों को पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल की ओर ले जाएगा। श्रीलक्ष्मी वीएस, एसीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, ने कहा कि बोड़ाकी को दिल्ली-एनसीआर का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा। इससे आनंद विहार स्टेशन पर यात्रियों का दबाव कम हो जाएगा। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है ताकि परियोजना जल्दी शुरू हो सके। सर्वेक्षण के लिए किसानों से बातचीत की जा रही है।

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