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राजस्थान के इस जिले में नई रेल लाइन बिछाने की उठी माँग, सीधा 25 लाख लोगों को होगा फायदा

Rajasthan new rail line: राजस्थान के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में रेल संपर्क को लेकर लंबे समय से चल रही मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके की विशाल आबादी के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकती है। राजस्थान के कई जिलों को इस परियोजना देश भर तक सीधी रेल सेवा प्राप्त हो सकेगी।

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राजस्थान के इस जिले में नई रेल लाइन बिछाने की उठी माँग, सीधा 25 लाख लोगों को होगा फायदा

Sardarshahar-Taranagar new railway line: राजस्थान के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में रेल संपर्क को लेकर लंबे समय से चल रही मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। भारत विकास परिषद के निवर्तमान अध्यक्ष शिवरतन सौनी ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को एक विस्तृत पत्र भेजकर श्री डूंगरगढ़ से सादुलपुर के बीच सरदारशहर और तारानगर को जोड़ने वाली नई रेल लाइन के निर्माण का आग्रह किया है। उनका कहना है कि यह परियोजना न केवल चूरू जिले के लिए बल्कि राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके की विशाल आबादी के लिए बेहद लाभकारी सिद्ध हो सकती है।

व्यापार और पर्यटन गतिविधियों में आती हैं समस्या 

सौनी के अनुसार सरदारशहर तहसील की आबादी आज चार लाख से अधिक हो चुकी है, जबकि उसका भौगोलिक विस्तार लगभग 40 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इसके बावजूद क्षेत्र में रेल नेटवर्क की स्थिति बेहद सीमित है। उन्होंने बताया कि अंग्रेज शासनकाल के दौरान लगभग 105 वर्ष पहले सरदारशहर से रतनगढ़ के बीच 40 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाई गई थी, लेकिन इसके बाद एक इंच भी विस्तार नहीं हो सका। वर्तमान में आवश्यक बुनियादी ढांचे का अभाव होने से क्षेत्र के उद्योग, व्यापार और पर्यटन गतिविधियों में बाधा उत्पन्न होती है।

परियोजना को मंजूरी का इंतजार

तारानगर तहसील, जिसकी जनसंख्या करीब तीन लाख है, अभी भी पूरी तरह रेल संपर्क से वंचित है। सौनी ने दावा किया कि इस प्रस्तावित रूट पर कई बार सर्वेक्षण कराया जा चुका है, लेकिन परियोजना को मंजूरी का इंतजार है। अगर नई लाइन को स्वीकृति मिल जाती है तो श्री डूंगरगढ़ से बीकानेर और सादुलपुर से दिल्ली तक पहले से मौजूद पटरियों से यह नया मार्ग जुड़कर एक विशाल रेल नेटवर्क खड़ा कर देगा। इससे चार प्रमुख तहसीलों श्री डूंगरगढ़, सरदारशहर, तारानगर और सादुलपुर में रहने वाली लगभग 20 लाख की आबादी को देश भर तक सीधी रेल सेवा प्राप्त हो सकेगी।

किसानों को मिलेगा फायदा 

यह पूरा इलाका न सिर्फ खेती और पशुपालन के लिए जाना जाता है, बल्कि यहां के स्थानीय उद्योग भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी मजबूत पहचान रखते हैं। सरदारशहर देश का सबसे बड़ा हैंडीक्राफ्ट हब माना जाता है। पिछले वर्ष जर्मनी में आयोजित विश्वस्तरीय प्रदर्शनी में यहां के एक उद्योगपति को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ, जो क्षेत्र के कौशल और रचनात्मकता की वैश्विक पहचान का प्रमाण है। साथ ही ग्वार और ग्वार गम के उत्पादन में भी सरदारशहर अग्रणी है। भारत ग्वार गम का विश्व स्तर पर सबसे बड़ा निर्यातक है, जिसमें इस इलाके का योगदान प्रमुख है।

घरेलू उद्योगों में भी यह क्षेत्र अत्यधिक सक्रिय

सौनी ने बताया कि सोने-चांदी के आभूषण, जिप्सम, दुग्ध उत्पाद, भुजिया-पापड़, फीणी आदि जैसे घरेलू उद्योगों में भी यह क्षेत्र अत्यधिक सक्रिय है। सरदारशहर में स्थित डीम्ड यूनिवर्सिटी के कारण शिक्षा का बड़ा केंद्र भी विकसित हो चुका है, जहां देशभर से विद्यार्थी अध्ययन के लिए पहुंचते हैं। यहां के हजारों युवा रोज़गार की तलाश में न केवल देश के विभिन्न राज्यों बल्कि खाड़ी देशों तक जाते हैं। सौनी ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि यह रेल मार्ग रणनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। जैसलमेर और पाकिस्तान सीमा के निकट स्थित इलाकों में सेना और आयुध सामग्री पहुंचाने के लिए यह सबसे छोटा और वैकल्पिक मार्ग बन सकता है। इसके अलावा बीकानेर और दिल्ली के बीच लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए भी यह एक प्रभावी विकल्प बनेगा।

नई रेल लाइन बनने से यात्रियों को मिलेगी सुविधा

धार्मिक दृष्टि से भी यह क्षेत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है। इच्छापूर्ण बालाजी, तोलियासर भैरूंजी, पल्लू माताजी, फोगां, ददरेवा गोगाजी और बायला सहित अनेक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं। पंजाब, हरियाणा और उत्तर भारत से सैकड़ों तीर्थयात्री सालासर बालाजी, करणी माताजी और रामदेवरा के दर्शन के लिए इसी मार्ग से यात्रा करते हैं। नई रेल लाइन बनने से यात्रियों को काफी सुविधा होगी और धार्मिक पर्यटन में नए आयाम जुड़ेंगे।

उन्होंने कहा कि प्रस्तावित रेल लाइन से जिप्सम आधारित उद्योगों के लिए नए अवसर खुलेंगे। पूरे देश के लगभग 90 प्रतिशत जिप्सम का उत्पादन राजस्थान में होता है, और उसका बड़ा हिस्सा इसी भूभाग में मौजूद है। रेल संपर्क बढ़ने से कम लागत में परिवहन संभव होगा, जिससे उद्योग, उत्पादन और रोजगार की संभावनाएं कई गुना बढ़ जाएंगी। सौनी ने बताया कि इस मांग को लेकर जल्द ही पोस्टकार्ड अभियान भी चलाया जाएगा ताकि सरकार तक क्षेत्र की आवाज मजबूती से पहुंच सके।

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