UP News: यूपी के 60 गांवों से गुजरेगा दिल्ली-वाराणसी हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर, रायबरेली में लिडार सर्वे शुरू
UP News: दिल्ली-वाराणसी हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर पर काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

Uttar Pradesh News: भारत सरकार की बड़ी बुलेट ट्रेन परियोजना अच्छी तरह से चल रही है। दिल्ली-वाराणसी हाई-स्पीड रेल कारिडोर के लिए नेशनल हाई-स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने का काम शुरू कर दिया है। दिल्ली-वाराणसी हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर का काम रायबरेली में शुरू हो गया है। लिडार तकनीक का उपयोग ज़मीन का सर्वे करने के लिए किया जा रहा है। यह ट्रेन रायबरेली के 60 गांवों से गुजरेगी, इससे दिल्ली से वाराणसी का सफर कम समय में होगा। अधिकारियों ने कहा कि सर्वे के बाद जमीन अधिग्रहण करके निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
कम समय में होगा सफर
दिल्ली से वाराणसी तक प्रस्तावित हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर बनने के बाद यात्रियों को बड़ा फायदा होगा। इस कॉरिडोर के चालू होने पर दोनों शहरों के बीच की यात्रा महज 4 से 4.5 घंटे में पूरी हो सकेगी। फिलहाल ट्रेन या सड़क मार्ग से यह दूरी तय करने में लगभग 8 से 10 घंटे लगते हैं।इससे पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और राज्य के कई जिलों में निवेश और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। इस दिशा में, लाइट डिटेक्शन और रेंजिंग (लिडार) तकनीक का सटीक उपयोग किया जा रहा है। अधिकारियों ने कहा कि लिडार तकनीक से हवाई सर्वेक्षण के जरिए ज़मीन की ऊंचाई-निचाई, संरचनाएं, वनस्पति और अन्य भू-आकृतिक विशेषताओं की सटीक जानकारी मिल सकेगी, जिससे डीपीआर को और सटीक बनाया जा सकेगा।
लिडार तकनीक से डिजाइन में तेजी और पारदर्शिता आएगी
हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट्स में यह तकनीक अपनाई जा रही है, जिससे निर्माण की योजना और डिजाइन में तेजी और पारदर्शिता आ सके। देश में आठ प्रस्तावित हाई-स्पीड रेल नेटवर्क में से एक दिल्ली-वाराणसी हाई-स्पीड रेल कारिडोर है। दिल्ली से शुरू होने वाले इस कारिडोर का मार्ग लगभग 865 किलोमीटर है, जो मथुरा, आगरा, इटावा, लखनऊ, रायबरेली, प्रयागराज, भदोही होते हुए वाराणसी तक जाता है। इस परियोजना में बुलेट ट्रेन रायबरेली के 60 गांवों से गुजरेगी। इन गांवों में नामांकन किया गया है।
इन गांवों को चार तहसीलों में नामांकित किया गया
चार तहसील के इन गांवों को किया गया चिंहित
महराजगंज तहसील के सरौरा, चुरवा, इसिया, नीम टीकर, टोडरपुर, बछरावां, बन्नावां, कंदावा, खैरहनी।
सदर तहसील के जोहवाशर्की, दतौली, कनहट, प्यारेपुर, हिडइन, हिलालगंज, गुलूपुर, अजमतउल्लागंज, अरिवार, ढोंढरी, सानिकमऊ, देदौर, दरीबा, रसूलपुरगुंडा, चंदौली, नकफलहा, विनोहरा, फकरूलहसनखेड़ा, मछेछर, सैदनपुर, सुलखियापुर, खनुआ, बेलाभेला, उदरहटी, एकौना,चकवलिहार
ऊंचाहार तहसील के हरदीटीकर, चंदौली, धर्मदासपुर, सरायश्रीबख्स, केवलपुर, बरेठा, मोहनपुर, गोपियापुर, जगतपुर, धोबहा, जिगना, रोझइया, भीखमशाह रोझइया गोकुलपुर, इटौराबुजुर्ग, सलारपुर, मिर्जापुर ऐहारी, नंदौरामाफी, डिडौली, छतौनामरियानी, रघुनापुरलबेदवा, उमरन, भवानीदीपुर, कमालपुर, लक्ष्मणगंज, बछइयापुर, मरहाममऊ, रसूलपुर
सलोन तहसील के मिरजहापुर, कमालपुर, डोमापुर, कोदारी आदि गांव शामिल हैं।
भूमि अधिग्रहण
तहसीलदार आकृति श्रीवास्तव ने बताया की स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड की टीम ने क्षेत्रीय लेखपालों के साथ सर्वे शुरू किया है। सर्वे रिपोर्ट पूर्ण करने के बाद रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में कुछ महीने लगेंगे. इसके बाद भूमि अधिग्रहण, डिजाइन और निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।