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Chandigarh: चंडीगढ़ में 2026 तक सड़कों पर सभी बसें होंगी EV, पर्यावरण अनुकूल होगा परिवहन

Chandigarh News: हरियाणा और पंजाब की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में अगले वर्ष से डीजल बसों का संचालन पूरी तरह बंद हो जाएगा। इनकी जगह अब पूरी तरह विद्युत चालित बसें सड़कों पर दौड़ेंगी। यात्रियों को प्रदूषण रहित और आधुनिक बसों में सफर करने का अवसर मिलेगा। पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से यह कदम बेहद सराहनीय माना जा रहा है।

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Chandigarh: चंडीगढ़ में 2026 तक सड़कों पर सभी बसें होंगी EV, पर्यावरण अनुकूल होगा परिवहन

Hindi News Line, Chandigarh Diesel Busses : हरियाणा और पंजाब की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में आने वाले वर्ष में आपको डीजल बसें संचालित होती हुई नजर नहीं आएंगे. वर्ष 2026 तक चंडीगढ़ से डीजल बसों को पूरी तरह हटाकर उनकी जगह विद्युत बसें चलाई जाएंगी। परिवहन विभाग कुल 500 ई-बसों को शामिल करने जा रहा है, जिनमें से 100 बसें जल्द ही सड़कों पर उतरेंगी। बस चालकों को इसके संचालन के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर बस में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। वर्तमान में सीटीयू (चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग) ट्राईसिटी में 50 से अधिक मार्गों पर सेवाएं दे रहा है। नई ई-बसें जुड़ने से प्रदूषण में कमी आएगी और लोगों को बेहतर व सुरक्षित सार्वजनिक परिवहन सुविधा मिलेगी।

तीन से चार महीनों में लगभग 100 नई विद्युत बसें

2026 तक शहर की सड़कों से डीजल बसें पूरी तरह गायब हो जाएंगी। विद्युत चालित बसें ही उनकी जगह चलेंगी। राज्य परिवहन विभाग 500 विद्युत चालित बसों को जोड़ने के लिए तैयार है। सीटीयू परिवहन निदेशक प्रद्युमन सिंह ने कहा कि अगले तीन से चार महीनों में लगभग 100 नई विद्युत बसें आएंगी। निविदा प्रक्रिया के बाद 300 से अधिक बसें लाए जाएंगे। 2026 तक लगभग 500 विद्युत बसें हो जाएंगी।

वर्तमान में चंडीगढ़ परिवहन उपक्रम (सीटीयू) लगभग 40 विद्युत चालित बसों का संचालन कर रहा है। ये बसें फेम इंडिया योजना (तेजी से अपनाओ एवं विनिर्माण योजना) के तहत कंपनियों से किराये पर ली गई हैं। इन्हें सकल लागत अनुबंध प्रणाली के अंतर्गत चलाया जा रहा है, जिसके तहत वाहन चलाने, ऊर्जा आपूर्ति और रखरखाव की पूरी जिम्मेदारी संचालक कंपनी की होती है। परिवहन विभाग द्वारा बसों का भुगतान प्रति किलोमीटर तय दर पर किया जाता है।

सुरक्षा पर चिंता बरकरार 

हाल ही में सेक्टर-17 में परेड मैदान के पास एक विद्युत चालित बस पलटने की घटना ने सुरक्षा पर चिंता बढ़ा दी है। कैमरे ने देखा कि चालक ने बस को लापरवाही से तेज चलाया। परिवहन विभाग ने इसकी जांच और रोकथाम करने के लिए एक विशेष समिति बनाई है। प्रद्युमन सिंह ने कहा कि अब चालकों को विद्युत चालित बसों के लिए अलग से प्रशिक्षण दिया जाएगा। सुरक्षित संचालन, गति नियंत्रण, ब्रेक का सही प्रयोग और यात्रियों की सुविधा पर खास ध्यान दिया जाएगा।

हर बस में पांच सुरक्षा कैमरे होंगे

बस में पांच उच्च गुणवत्ता वाले सुरक्षा कैमरे लगाए गए हैं, जो यात्रियों को सुरक्षित रखते हैं और उनके अनुशासन को सुनिश्चित करते हैं। ये कैमरे बस के मुख्य डिब्बे, चढ़ने-उतरने के द्वारों और पीछे और आगे लगाए जाएंगे। उन्हें केंद्रीय नियंत्रण कक्ष से सीधा लिंक मिलेगा, जिससे अधिकारियों को काम करते हुए देखना आसान होगा। यह व्यवस्था न केवल लापरवाह ड्राइविंग को रोकेगी बल्कि चोरी, छेड़छाड़ और दुर्व्यवहार से भी यात्रियों को बचाएगी।

सुरक्षित सार्वजनिक परिवहन मिलेगा

वर्तमान में, चंडीगढ़ परिवहन प्रणाली लगभग बीस नगरीय मार्गों और लगभग बीस उपनगरीय मार्गों पर सेवा प्रदान करती है। यह चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला को आपस में जोड़ते हुए आवासीय क्षेत्रों, औद्योगिक क्षेत्रों और आसपास के कस्बों तक आसानी से आवाजाही प्रदान करता है। इस पहल से न केवल प्रदूषण कम होगा, बल्कि लोगों को सुरक्षित, सुविधाजनक और पर्यावरणीय रूप से सुरक्षित सार्वजनिक परिवहन मिलेगा।

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