home page

उत्तरप्रदेश के इस ज‍िले में बनेगी इंडस्ट्रियल टाउनशिप, जमीन अधिग्रहण बदले किसानों को मिलेगा मोटा पैसा

UP News: उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास को नया आयाम देने की तैयारी तेज हो गई है। जानकारी के अनुसार बीडीए ने चिन्हित क्षेत्र में सर्वेक्षण कार्य शुरू कर दिया है। इस सर्वे में न केवल भू-भाग की पहचान की जा रही है, बल्कि मौजूद परिसंपत्तियों जैसे मकान, पेड़, कुएं और अन्य संरचनाओं का चिह्नीकरण भी किया जा रहा है।

 | 
उत्तरप्रदेश के इस ज‍िले में बनेगी इंडस्ट्रियल टाउनशिप, जमीन अधिग्रहण बदले किसानों को मिलेगा मोटा पैसा 

Uttar Pradesh News: बरेली जिले में औद्योगिक विकास को नया आयाम देने की तैयारी तेज हो गई है। बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) ने जिले के चार गांवों रहपुरा जागीर, रसूला चौधरी, भिटौरा नौगवां उर्फ फतेहगंज पश्चिमी और चिटौली की लगभग 125 हेक्टेयर भूमि को चिन्हित करते हुए बड़े स्तर पर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्राधिकरण का कहना है कि इस परियोजना का उद्देश्य जिले में उद्यमों को बढ़ावा देना और निवेश के लिए बेहतर माहौल तैयार करना है।

भूमि खरीदने की प्रक्रिया शुरू

जानकारी के अनुसार बीडीए ने चिन्हित क्षेत्र में सर्वेक्षण कार्य शुरू कर दिया है। इस सर्वे में न केवल भू-भाग की पहचान की जा रही है, बल्कि मौजूद परिसंपत्तियों जैसे मकान, पेड़, कुएं और अन्य संरचनाओं का चिह्नीकरण भी किया जा रहा है। अधिकारियों का दावा है कि सर्वेक्षण को नवंबर माह में ही पूरा कर लिया जाएगा, जिसके बाद किसानों से सहमति लेकर भूमि खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। अनुमान है कि इस परियोजना के लिए एक हजार से अधिक किसानों की भूमि की आवश्यकता पड़ेगी।

नई औद्योगिक टाउनशिप विकसित करने की योजना को मंजूरी

पिछले सप्ताह बीडीए बोर्ड की बैठक में दिल्ली हाईवे से जुड़े लिंक रोड पर नई औद्योगिक टाउनशिप विकसित करने की योजना को मंजूरी दी गई। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य बरेली को औद्योगिक हब के रूप में विकसित करना और बड़े निवेशकों को आकर्षित करना है। प्राधिकरण के अनुसार, यह टाउनशिप आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होगी और स्थानीय युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगी।

बीडीए उपाध्यक्ष डॉ. मनिकंडन ए. ने बताया कि प्रस्तावित औद्योगिक टाउनशिप को अत्याधुनिक ढांचे के अनुरूप विकसित किया जाएगा। इसमें ट्रांसपोर्ट नगर, लॉजिस्टिक्स हब, वेयरहाउसिंग ज़ोन, औद्योगिक इकाइयों के लिए प्लॉट, डॉरमिट्री, अस्पताल, फायर स्टेशन, कैफेटेरिया, बैंकिंग सेवाएं, सीयूजीएल गैस लाइन, पेट्रोल पंप व सीएनजी पंप जैसी सुविधाएं एक ही परिसर में उपलब्ध होंगी। इसके अतिरिक्त इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए ई-चार्जिंग स्टेशन भी स्थापित किए जाएंगे।

भूमि मूल्य का उचित मुआवजा दिया जाएगा

परियोजना की एक बड़ी विशेषता यह है कि इसे हाईवे से सटे क्षेत्र में विकसित किया जा रहा है। इससे उद्यमियों को परिवहन और लॉजिस्टिक लाभ मिलेगा। योजना के तहत 18 मीटर, 30 मीटर और 45 मीटर चौड़ाई के मार्गों का निर्माण किया जाएगा, जिससे टाउनशिप के भीतर आवागमन सुगम रहेगा। भूमि अधिग्रहण को लेकर बीडीए किसानों के साथ आपसी सहमति का रास्ता अपनाने की तैयारी कर रहा है। अधिकारियों के अनुसार, भूमि क्रय के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक क्रय निर्धारण समिति गठित की जाएगी, जो भूमि का मूल्य तय करेगी। उसके बाद बोर्ड से अनुमोदन मिलने पर अधिग्रहण की आधिकारिक प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। बीडीए का कहना है कि किसानों को उनके भूमि मूल्य का उचित मुआवजा दिया जाएगा और किसी भी प्रकार की कार्रवाई सहमति के आधार पर ही होगी।

औद्योगिक टाउनशिप के निर्माण से स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई गति मिलने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि परियोजना पूरी होने पर जिले में रोजगार के हजारों नए अवसर पैदा होंगे। इसके साथ ही नई इंडस्ट्रीज के आने से बरेली का औद्योगिक परिदृश्य और मजबूत होगा। जिले की भौगोलिक स्थिति पहले ही हाईवे, रेल मार्ग और प्रमुख शहरों से अच्छी कनेक्टिविटी प्रदान करती है, ऐसे में इस टाउनशिप के विकसित होने से बरेली को उत्तरी भारत के प्रमुख औद्योगिक केंद्रों में स्थान मिल सकता है।

बरेली विकास प्राधिकरण का यह कदम स्थानीय प्रशासन और उद्योग जगत द्वारा एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है। अब देखने वाली बात यह है कि नवंबर में सर्वेक्षण पूरा होने के बाद किसानों की सहमति किस गति से मिलती है और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया कितनी सुचारू रूप से आगे बढ़ती है। यदि सब कुछ नियोजित ढंग से हुआ, तो आने वाले वर्षों में बरेली जिले में औद्योगिक क्षेत्र का नया अध्याय शुरू हो सकता है।

Latest News

Trending

You May Like