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राजस्थान में 88 गांवों को फ्री मिलेंगे बिजली कनेक्शन, बड़ी पहल के तहत अगले माह होगा काम शुरू

Central Govt Scheme: राजस्थान के आदिवासी बहुल इलाकों में रहने वाले अनुसूचित जनजाति के परिवारों को बिजली से जोड़ने के प्रयास अब तेज हो गए हैं। केंद्र सरकार की धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत राज्य के दूरस्थ और पिछड़े गांवों में रह रहे पात्र परिवारों को निःशुल्क बिजली कनेक्शन प्रदान किए जाने की तैयारी चल रही है।

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राजस्थान में 88 गांवों को फ्री मिलेंगे बिजली कनेक्शन, बड़ी पहल के तहत अगले माह होगा काम शुरू

Free Electricity Connection: राजस्थान के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में रहने वाले अनुसूचित जनजाति के परिवारों तक अब बिजली पहुंचाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। केन्द्र सरकार की ओर से संचालित धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत प्रदेश के दूरस्थ गांवों में निवास कर रहे परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इसी दिशा में अजमेर विद्युत वितरण निगम (Ajmer Discom) ने विभिन्न सर्किलों में लगभग 24,392 नए कनेक्शन देने का प्रस्ताव तैयार किया है।

वर्तमान में डिस्कॉम द्वारा उन घरों का सर्वे कराया जा रहा है, जहां बिजली कनेक्शन उपलब्ध नहीं हैं। अधिकारियों के अनुसार, सर्वे का काम अंतिम चरण में है और अगले माह के अंत तक कनेक्शन देने का कार्य शुरू होने की संभावना जताई जा रही है।

आदिवासी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करना

धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान का मुख्य लक्ष्य देश के आदिवासी इलाकों में स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, सड़क और विद्युतीकरण जैसी आधारभूत सुविधाओं को मजबूत करना है। इस योजना के तहत राजस्थान में बिजली सेवा को विशेष प्राथमिकता दी गई है ताकि ग्रामीण जीवन में सुधार हो सके और लोगों को बुनियादी सुविधाओं का लाभ मिल सके।

अजमेर डिस्कॉम क्षेत्र में आने वाले जिलों में इस योजना की प्रगति पर लगातार नजर रखी जा रही है। डिस्कॉम अधिकारियों के अनुसार हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र जनजाति परिवार बिजली कनेक्शन से वंचित न रह जाए। सर्वे कार्य में उसी दृष्टि से सावधानी बरती जा रही है।

चित्तौड़गढ़ जिले में 4,602 कनेक्शन प्रस्तावित

अभियान के तहत चित्तौड़गढ़ जिला भी प्रमुख रूप से शामिल है, जहां कुल 4,602 घरों को बिजली से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिले के 88 गांवों में यह प्रक्रिया लागू की जाएगी। अधिकारियों द्वारा तैयार प्रस्ताव के अनुसार

बेगूं: 41 कनेक्शन

रावतभाटा: 2,710 कनेक्शन

चिग्राम: 49 कनेक्शन

सावा: 91 कनेक्शन

डूंगला: 60 कनेक्शन

मंगरोल: 1,495 कनेक्शन

निंबाहेड़ा शहर सब-डिवीजन: 156 कनेक्शन

इन क्षेत्रों में सर्वे का काम लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन डिस्कॉम टीम द्वारा दोबारा क्रॉस-चेक सर्वे भी करवाया जा रहा है ताकि किसी भी पात्र परिवार का नाम छूट न जाए।

70.50 करोड़ रुपये की लागत से होगा कार्य

अजमेर डिस्कॉम द्वारा संचालित इस योजना पर कुल 70.50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें बिजली लाइनें बिछाने, ट्रांसफॉर्मर स्थापित करने, मीटर लगाने और कनेक्शन देने से जुड़ी सभी प्रक्रियाएँ शामिल होंगी। डिस्कॉम अधिकारियों का कहना है कि “फंड की उपलब्धता सुनिश्चित हो चुकी है और जैसे ही सर्वे रिपोर्ट अंतिम रूप में मिलेगी, कार्य आदेश जारी कर दिया जाएगा। नवंबर के अंत तक क्षेत्र में कार्य शुरू करने की तैयारी पूरी कर ली जाएगी।”

सर्वे के बाद तेजी से शुरू होगा कनेक्शन देने का काम

कई गांव ऐसे हैं जहां बिजली लाइनें मौजूद हैं, लेकिन कनेक्शन नहीं दिए गए। सर्वे में यह भी देखा जा रहा है कि बिजली पहुंचाने के लिए किन जगहों पर नई लाइनें डालने या अतिरिक्त ट्रांसफॉर्मर लगाने की आवश्यकता है। संबंधित फर्मों को चिन्हित घरों की सूची प्रदान कर दी गई है और वे मौजूदा बुनियादी ढांचे का मूल्यांकन कर रही हैं। सर्वे रिपोर्ट डिस्कॉम को सौंपी जाने के बाद ही विद्युत कनेक्शन देने का कार्य औपचारिक रूप से शुरू किया जाएगा।

हर आदिवासी घर तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य

अधिकारी बताते हैं कि पुनः सर्वे इसी उद्देश्य से किया जा रहा है कि किसी भी गांव में कोई व्यक्ति पात्र होने के बावजूद योजना से वंचित न रह जाए। योजना पूरी होने पर सैकड़ों गांवों में पहली बार हर घर रोशन होगा, जिससे शिक्षा, रोजगार और दैनिक जीवन में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे।

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