Mustard new variety: सरसों की 2 नई किस्म तैयार, राष्ट्रीय स्तर पर मिली मान्यता, 12 राज्यों में होगी खेती
Mustard new variety:सरसों की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है बता देंगे भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है भरतपुर के अनुसंधान केंद्र दोबारा विकसित की गई सरसों की दो नई किस्म को राष्ट्रीय दर्जा मिल गया है जिसके बाद अब इन किस्मों की देश के 12 राज्यों में खेती की जा सकेगी।

Hindi News Line, Mustard new variety: भारतीय सरसों अनुसंधान संस्थान भारतपुर ने सरसों के किसानों को बड़ी खुशखबरी दी है भरतपुर अनुसंधान संस्थान ने सरसों की दो नई उन्नत किस्म को विकसित किया है जिन्हे राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिल चुकी है। भरतपुर संस्थान द्वारा बनाई गई सरसों की दो कि में भारत सरसों 7 व भारत सरसों 8 की देश के 12 राज्यों में खेती की जा सकेगी। इन किस्म को इन 12 राज्यों में खेती के लिए अधिकृत किया जा चुका है
किसानों की बढ़ेगी पैदावार
भरतपुर संस्थान के निदेशक डॉ विजयवीर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि इन किस्मो को देश के अलग-अलग क्षेत्र की जलवायु के हिसाब से बनाया गया है। भारत सरसों 7 बारिश पर निर्भर क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है. वहीं अगर भारत सरसों 8 की बात की जाए तो इसे ज्यादा तापमान व नमी वाले क्षेत्रों के लिए बनाया गया हैं। उन्होंने बताया कि इन किस्म से खाद्य तेल की आपूर्ति अधिक होगी जिससे किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी।
भारत सरसों-7 (Bharat Sarson -7)
भारत सरसों 7 की फसल को तैयार होने में कम समय लगता है। क्योंकि इस किस्म को कम सिंचाई वह वर्षा आधारित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त माना जा रहा है। जिसकी वजह से इस किस्म को कम पानी की जरूरत पड़ती है। यह किम बिहार झारखंड उड़ीसा असम और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में अपनाई जा सकती है। इस किस्म को तैयार करने में कम खर्च आता है और उपज के समय अच्छा तेल मिलता है.
भारत सरसों 8 (Bharat sarson 8)
सरसों की इस किस्म को तैयार होने में मध्यम अवधि का समय लगता है। इस किस्म को मुख्यतः पंजाब हरियाणा दिल्ली और जम्मू कश्मीर जैसे मौसम में उतार-चढ़ाव वाले राज्यों के लिए बनाया गया है। इस किस्म से 2200 से 2600 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तक ऊपर मिल सकती है। अधिक तेल की मात्रा होने की वजह से इस किस्म की बेचने के लिए खेती भी फायदेमंद साबित होगी।