Carrot Farming: घर पर उगाएं आसान विधि से ताज़ी लाल गाजर, बाजार जाने का जेब खर्च होगा कम
How to Grow Carrot: एक्सपर्ट के अनुसार अब गाजर उगाना बिल्कुल आसान हो गया है। सही तरीके से बुवाई करने पर आप सिर्फ 50 दिन में ताजी और पौष्टिक गाजर घर पर ही उगा सकते हैं। इससे न केवल ताज़ी सब्ज़ी का आनंद मिलेगा बल्कि बाजार पर निर्भरता भी काफी कम होगी।

Hindi News Line Carrot Farming: अगर आप घर में सब्जियां उगाने के शौकीन हैं, तो अब गमले में गाजर उगाना और ज्यादा आसान है। ठंड के मौसम में गाजर का क्रेज सबसे ज्यादा होता है। सलाद, जूस से लेकर हलवे तक हर जगह इसका खूब इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में आप भी सिर्फ 50 दिन में ताजी गाजर की फसल घर पर तैयार कर सकते हैं। गमले में उगाई गई गाजर न केवल स्वादिष्ट होगी, बल्कि ताजगी से भरपूर भी होगी। यहां एक्सपर्ट ने इसकी पूरी विधि बताई है।
गमले का चुनाव सही होना जरूरी
गाजर की जड़ लंबी होती है, इसलिए गमले का चुनाव सही होना बहुत जरूरी है। आमतौर पर 10 से 12 इंच गहरा गमला गाजर के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। मिट्टी का गमला सबसे अच्छा रहता है, क्योंकि इसमें हवा और नमी का संतुलन बना रहता है। हालांकि, प्लास्टिक या सीमेंट के गमले में भी गाजर उगाई जा सकती है, लेकिन ध्यान रहे कि गमले के नीचे पानी निकलने के लिए छेद जरूर हो।
नरम और भुरभुरी मिट्टी
गाजर की अच्छी खेती के लिए मिट्टी का नरम और भुरभुरी होना जरूरी है। इसके लिए गमले की मिट्टी में बालू, गोबर की खाद और बगीचे की मिट्टी बराबर मात्रा में मिलाना चाहिए। ऐसी मिट्टी में पौधा तेजी से बढ़ता है। साथ ही मिट्टी में नमी बनी रहनी चाहिए, लेकिन पानी कभी भी गमले में जमा नहीं होना चाहिए, वरना गाजर की जड़ें सड़ने लगती हैं।
बीज बोते समय विशेष सावधानी की जरूरत
गाजर के बीज बहुत छोटे और हल्के होते हैं, इसलिए इन्हें बोते समय विशेष सावधानी की जरूरत होती है। बीज डालने से पहले गमले की मिट्टी को हल्का-सा गीला कर लें। इसके बाद बीजों को लगभग आधा सेंटीमीटर गहराई में बोकर ऊपर से पतली परत मिट्टी की डाल दें। ध्यान रखें कि बीजों को अधिक गहराई में न दबाएं, वरना उनके अंकुरण में दिक्कत हो सकती है।
गाजर के पौधों को भरपूर धूप की आवश्यकता होती है। इसलिए गमले को ऐसी जगह रखें, जहां रोजाना 6 से 8 घंटे तक धूप आसानी से मिल सके। पानी देने में भी खास ध्यान रखें मिट्टी हमेशा हल्की-सी नम रहनी चाहिए, लेकिन ज्यादा गीली या कीचड़ जैसी नहीं। गर्मियों में रोजाना और सर्दियों में दो-दो दिन के अंतराल से पानी देना सबसे उपयुक्त रहता है।
गाजर मोटी और लंबी विकसित होगी
बीज अंकुरित होने के बाद गमले में छोटे-छोटे पौधे निकलने लगते हैं। जब ये पौधे 2 से 3 इंच लंबे हो जाएं, तो उनमें से पास-पास उगे अतिरिक्त पौधों को हटा दें। इससे बाकी पौधों को पर्याप्त जगह और पोषण मिलेगा, जिससे गाजर मोटी और लंबी विकसित होगी।
समय-समय पर खरपतवार भी हटाते रहें, ताकि पौधे कमजोर न हों। गाजर के पौधे अधिक खाद नहीं मांगते, लेकिन शुरुआत में गोबर की खाद या कम्पोस्ट डालना बेहद फायदेमंद रहता है। लगभग एक महीने बाद पौधों के आसपास हल्की-सी जैविक खाद डालने से जड़ें तेजी से बढ़ती हैं और गाजर का रंग भी आकर्षक आता है।
50 दिनों के भीतर गाजर तैयार
लगभग 50 दिनों के भीतर गाजर की जड़ें पूरी तरह विकसित हो जाती हैं। इसे पहचानने का आसान तरीका यह है कि जब पौधे की पत्तियां घनी और मजबूत दिखने लगें और गमले की मिट्टी को हल्का हटाने पर नारंगी रंग की जड़ नजर आने लगे, तो समझ लीजिए गाजर तोड़ने के लिए तैयार है। इस समय पौधे को धीरे-धीरे पकड़कर ऊपर की ओर खींचें और ताजी गाजर निकालकर घर पर उगाई फसल का स्वाद लें।